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Questions
नोट : सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड – क
निम्नलिखित प्रद्यांशों की ससंदर्म व्याख्या कीजिये :
- वे मोह-बन्धन-मुक्त थे, स्वच्छन्द थे
सम्पूर्ण सुख-सुंयुक्त थे, वे शान्ति-शिखरासीन थे।
मन से,वचन से कर्म से वे प्रभु-भजन में लीन थे
विख्यात ब्रह्मनन्द-नद के वे मनोहर मीन थे।
उनके चतुर्दिक-कीर्ति-पट को है असम्भव नापना
की दूर देशों में उन्होंने उपनिवेश-स्थापना।
पहुँचे जहाँ वे अज्ञता का द्वार जानो रुक गया
वे झुक गये जिस ओर को संसार मानो झुक गया।।
- सूली का पथ ही सीखा हूँ
सुविधा सदा बचाता आया
मैं बलि-पथ का अंगारा हूँ
जीवन-ज्वाल जलाता आया।
एक फूँक, मेरा अभिमत है
फूँक चलूँ जिससे नभ, जल,थल
मैं तो हूँ बलि-धारा-पन्थी
फेंक चुका कब का गंगाजल
- अब न आ सके रात भयंकर
ऐसा कुछ गति-चक्र चले
फिर न अँधेरा छाये जग में
चाल न कोई वक्र चले
चमके स्वतंत्रता का सूरज
परवशता का अम्न टले
शोषण के शासन की इति हो
तुम ऐसा प्रण ठान, उठो
उठो, उठो ओ नंगो भूखो
ओ मजदूर किसान, उठो।
- है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
खम ठोंक ठेलता है जब नर
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुन बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसी लाली हो,
वर्तिका बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नहीं जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।
खंड -ख
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए :
- राष्ट्रीयता के विकास में आधुनिक भारतीय साहित्य के योगदान पर प्रकाश डालिए।
- श्यामनारायण पाण्डेय के काव्य की मूल संवेदना को स्पष्ट कीजिए।
- आधुनिक युग की विभिन्न परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए राजनीतिक एवं आर्थिक परिवेश की व्याख्या कीजिए।
- मैथिलीशरण गुप्त के काव्य के सरंचना पक्ष पर विचार कीजिए।
खंड -ग
निगचनलिखित प्रश्नों के उत्तर लगशग 200 शब्बों गें वीजिए :
- ‘हमारी सभ्यता’ कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए
- ‘विप्लव गायन’ काव्य में समाज किस प्रकार रेखांकित हुआ है?
- श्यामनारायण पाण्डेय की राष्ट्रीय चेतना पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- ‘कैदी और कोकिला’ में कवि क्या संदेश देना चाहता है?
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